''एक सही रूप से निरूपित मानसिकता जो कि समाज में जीवन यापन कर रहे हर ,एक पुरुष एवं नारी के लिए अनिवार्य है ,किन्तु क्या पुरुष इस मानसिकता का शिकार होते है। किन्तु कुछ रूपों में परन्तु नारी को तो हर एक जगह ही नहीं एक छोटी- सी बातो पर भी उसको इसी ही नहीं न जाने कितनी वेवजह की शिकार हो जाती जिन मुद्दों की कोई कोई वजह ही नहीं होती है।'' परन्तु फिर भी उनको कोई न कोई वजह को समाज को मिल ही जाती है। कही कहते है।लड़कियों को अपनी सीमा पार नहीं करनी चाहिए ,तो कही पहनावे (वस्र )कपड़ों को लेकर कि ये कपड़े मत पहनो क्या ये मानसिकता ही तो है और क्या ये समाज या कह दे की वो कुछ लोग जो दुसरो की तरक्की या वैकल्पिक वस्तुओं को देखकर एक ख़राब(विकृत ) सोच को उन लोगो के प्रति (लिए )रखते है। यह भी एक मानसिकता का ही उदहारण है। ,जो की समाज को भीतर से खोखला करता जा रहा है ,जो की मानसिकता के कारण ही यह सब होता जा रहा है। ,जो इस सामाज को मानसिकता का शिकार कर रहा है ,,जिससे की सभी वेवजह की बातो से लेकर और मुद्दों को बढ़ाबा मिल रहा है।
Namaskar dosto ish site me appko movitational articles,mystrious stories,facts jaldi se ish site pe ahiye www.divyachouhan.blogspot.com
Fashion Era
Monday, 8 January 2018
mansikta 7
''एक सही रूप से निरूपित मानसिकता जो कि समाज में जीवन यापन कर रहे हर ,एक पुरुष एवं नारी के लिए अनिवार्य है ,किन्तु क्या पुरुष इस मानसिकता का शिकार होते है। किन्तु कुछ रूपों में परन्तु नारी को तो हर एक जगह ही नहीं एक छोटी- सी बातो पर भी उसको इसी ही नहीं न जाने कितनी वेवजह की शिकार हो जाती जिन मुद्दों की कोई कोई वजह ही नहीं होती है।'' परन्तु फिर भी उनको कोई न कोई वजह को समाज को मिल ही जाती है। कही कहते है।लड़कियों को अपनी सीमा पार नहीं करनी चाहिए ,तो कही पहनावे (वस्र )कपड़ों को लेकर कि ये कपड़े मत पहनो क्या ये मानसिकता ही तो है और क्या ये समाज या कह दे की वो कुछ लोग जो दुसरो की तरक्की या वैकल्पिक वस्तुओं को देखकर एक ख़राब(विकृत ) सोच को उन लोगो के प्रति (लिए )रखते है। यह भी एक मानसिकता का ही उदहारण है। ,जो की समाज को भीतर से खोखला करता जा रहा है ,जो की मानसिकता के कारण ही यह सब होता जा रहा है। ,जो इस सामाज को मानसिकता का शिकार कर रहा है ,,जिससे की सभी वेवजह की बातो से लेकर और मुद्दों को बढ़ाबा मिल रहा है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment